हरियाणा

हरियाणा में जज को गेट पर इंतजार कराना पड़ा 5 पुलिसकर्मियों को महंगा

सत्य खबर, पानीपत ।

पानीपत में एसपी अजीत सिंह शेखावत ने सीआईए-2 पुलिस प्रभारी सब इंस्पेक्टर (एसआई) सौरभ, मुंशी प्रवीण और एसआई जयवीर को सस्पेंड कर दिया। तीनों को लाइन में भेज दिया गया है। इसके अलावा, सीआईए-2 के संतरी स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ ) को नौकरी से हटा दिया।

एसपी ने यह कार्रवाई जज को सीआईए-2 के बाहर इंतजार कराने को लेकर की। जज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां उन्हें गेट के बाहर काफी देर इंतजार करवाया। जज ने गेट खोलने में देरी होने की शिकायत हाईकोर्ट व जिला पुलिस अधीक्षक को दी। जिसके बाद एसपी ने एक्शन लिया।

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अपनी खामी छिपाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने दर्ज मुकदमे को ऑनलाइन नहीं किया। FIR को छिपा लिया गया है। मामले की विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। एसपी ने फिलहाल एंटी नारकोटिक्स सेल के प्रभारी संदीप सिंह को सीआईए-2 का प्रभार सौंपा है। दरअसल, एक परिवार ने साल 2022 में हाईकोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि उनके नाबालिग बेटे को सीआईए-2 के पुलिसकर्मी उठाकर ले गए थे। वहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। पुलिस ने खुद पर लगे आरोप नकार दिए थे। परिवार ने इस मामले में सीआईए-2 के अंदर लगे CCTV कैमरे चैक करने के मांग की थी। नाबालिग ने भी कोर्ट में बताया कि सीआईए-2 के अंदर के हालात सामान्य नहीं है।

इसी केस में हाईकोर्ट ने वास्तविक स्थिति मांगी थी। इसे लेकर जिला जज ने 4 मई को सीआईए-2 थाने का औचक निरीक्षण किया। वे सरकारी गाड़ी में सीआईए-2 थाना पहुंचे। यहां काफी देर तक उनको गेट पर ही रोके रखा।

गेट पर तैनात संतरी ने इंचार्ज के आदेशानुसार गेट खोलने में काफी देरी की। इस पर जज नाराज हो गए। उन्होंने हाईकोर्ट में थाना के गेट खोलने में देरी की रिपोर्ट दी। हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया और मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए।

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डीएसपी संदीप सिंह ने इस मामले में औद्योगिक थाना सेक्टर-29 में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें IPC की धारा 188, 353, 341 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने 34 आईपीसी की धारा भी लगाई है। इसमें अन्य पुलिसकर्मियों को भी जांच में शामिल किया जा सकता है। थाना पुलिस ने 12 मई को मुकदमा दर्ज किया।

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